इंजीनियरिंग में द्रव गतिकी के मूल सिद्धांतों, समीकरणों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों को सरल हिंदी में समझने के लिए यह लेख पढ़ें।

इंजीनियरिंग में द्रव गतिकी की मूल बातें
द्रव गतिकी (Fluid Dynamics) इंजीनियरिंग की एक महत्वपूर्ण शाखा है जो द्रवों (तरल और गैस) के प्रवाह और उनके व्यवहार का अध्ययन करती है। इसमें द्रव के स्थिर और गतिशील अवस्था में होने पर उसकी विशेषताओं का विश्लेषण किया जाता है। यह कई महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों में प्रयुक्त होती है, जैसे – विमानन, शिप निर्माण, पाइपिंग सिस्टम, और HVAC (Heating, Ventilation, and Air Conditioning) सिस्टम।
द्रव गतिकी के प्रमुख सिद्धांत
- प्रवाह निरंतरता समीकरण (Continuity Equation)
- बर्नौली का सिद्धांत (Bernoulli’s Principle)
- न्यूटन का श्यानता नियम (Newton’s Law of Viscosity)
- रेनॉल्ड्स संख्या (Reynolds Number)
प्रवाह निरंतरता समीकरण
प्रवाह निरंतरता समीकरण एक गणितीय समीकरण है जो द्रव के स्थिर प्रवाह के संरक्षण का वर्णन करता है। इसे ऐसे दर्शाया जाता है:
A1 * v1 = A2 * v2
जहाँ:
- A1 और A2 क्रमशः क्षेत्रफल हैं
- v1 और v2 क्रमशः वेग हैं
बर्नौली का सिद्धांत
बर्नौली का सिद्धांत कहता है कि द्रव के प्रवाह में उसका कुल ऊर्जा स्थिर रहता है। इसकी गणना ऐसी की जाती है:
P + \(\frac{1}{2}\rho v^{2}\) + \(\rho gh =\) स्थिर
जहाँ:
- P = द्रव का दबाव
- \(\rho\) = द्रव का घनत्व
- v = द्रव का वेग
- g = गुरुत्वीय त्वरण
- h = ऊँचाई
न्यूटन का श्यानता नियम
यह नियम द्रव की श्यानता (Viscosity) और उसकी परतों के बीच के घर्षण का वर्णन करता है। इसे ऐसे व्यक्त किया जा सकता है:
\(\tau = \mu \frac{du}{dy}\)
जहाँ:
- \(\tau\) = श्यानता तनाव
- \(\mu\) = द्रव की श्यानता
- du/dy = वेग प्रवणता
रेनॉल्ड्स संख्या
रेनॉल्ड्स संख्या प्रवाह का लक्षणांक है जो यह बताता है कि प्रवाह विचलित (Laminar) है या अशांत (Turbulent)। इसे निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जा सकता है:
Re = \(\frac{\rho v D}{\mu}\)
जहाँ:
- Re = रेनॉल्ड्स संख्या
- \(\rho\) = द्रव का घनत्व
- v = द्रव का वेग
- D = विशिष्ट लम्बाई (जैसे – पाइप का व्यास)
- \(\mu\) = द्रव की श्यानता
रेनॉल्ड्स संख्या की मान्यता:
- Re < 2000: लामिनार प्रवाह दर्शाता है
- 2000 < Re < 4000: अंतरिम प्रवाह दर्शाता है
- Re > 4000: अशांत प्रवाह दर्शाता है
निष्कर्ष
द्रव गतिकी इंजीनियरिंग की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शाखा है जो द्रवों के व्यवहार का अध्ययन करने और उन पर नियंत्रण प्राप्त करने में सहायक होती है। यह हमें द्रव के प्रवाह, दबाव और गति के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करती है, जो विभिन्न इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।