ऑसिलेटिंग वॉटर कॉलम कैसे काम करती है और समुद्री लहरों से बिजली उत्पन्न करने की प्रक्रिया को समझें।
ऑसिलेटिंग वॉटर कॉलम बिजली कैसे उत्पन्न करता है?
ऑसिलेटिंग वॉटर कॉलम (Oscillating Water Column, OWC) समुद्री लहरों की ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का एक प्रभावी तरीका है। यह प्रणाली तरंग ऊर्जा को कैद करके बिजली बनाने के सिद्धांत पर काम करती है। आइए समझें कि यह प्रक्रिया कैसे कार्य करती है।
ऑसिलेटिंग वॉटर कॉलम की संरचना
- OWC एक बंद कक्ष होता है जिसमें केवल एक खोला हुआ भाग पानी के साथ संपर्क में रहता है।
- इसके ऊपरी भाग में एक टरबाइन और हवा का रहने का स्थान होता है।
कार्य करने का सिद्धांत
- जब समुद्री तरंगें उठती हैं, तो पानी OWC के कक्ष में प्रविष्ट करता है और पानी का स्तर बढ़ता है।
- पानी का स्तर बढ़ने से हवा को टरबाइन के माध्यम से बाहर की ओर दबाया जाता है।
- जब तरंगें घटती हैं, तो पानी का स्तर नीचे आता है और बाहर गई हवा को पुनः वापिस खींच लिया जाता है।
- इस तरह हवा का दबाव परिवर्तन टरबाइन को घुमाने के लिए आवश्यक है।
टरबाइन का कार्य
टरबाइन हवा के दबाव में परिवर्तन से घूमता है। यह घूर्णी गति जनरेटर को चलाती है, जो विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है। यहाँ तीन मुख्य भाग महत्वपूर्ण होते हैं:
- टरबाइन: वायु की गति द्वारा घूर्णन करती है।
- जनरेटर: टरबाइन की घूर्णन गति को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- कन्वर्टर: उत्पन्न विद्युत ऊर्जा को उपयोग में लाने योग्य रूप में बदलता है।
OWC के लाभ
- समुद्री लहरों का निरंतर और स्थायी स्रोत।
- प्रदूषण रहित और पर्यावरण-अनुकूल तरीका।
- वैश्विक ऊर्जा उत्पादन की स्थिरता में योगदान।
निष्कर्ष
ऑसिलेटिंग वॉटर कॉलम तकनीक समुद्री तरंगों की ऊर्जा को उपयोग में लाने का एक अभिनव और हरित तरीका है। यह प्रदूषण रहित और असीम ऊर्जा स्रोत है, जो भविष्योन्मुखी ऊर्जा की मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।