गैस टरबाइन से बिजली के उत्पादन की प्रक्रिया का सरल हिंदी में वर्णन – ऊर्जा स्रोत से बिजली पैदा करने तक के चरणों को समझें।
गैस टरबाइन से बिजली कैसे उत्पन्न होती है
गैस टरबाइन एक महत्वपूर्ण मशीन है जो थर्मल ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलने के लिए प्रयोग की जाती है, जिसे बाद में बिजली उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए इस प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।
गैस टरबाइन का मूल सिद्धांत
गैस टरबाइन का कार्य तीन मुख्य चरणों में बंटा होता है: संपीड़न (Compression), दहन (Combustion) और विस्तार (Expansion)।
संपीड़न
सबसे पहले, गैस टरबाइन एयर इनटेक द्वारा पर्यावरण से हवा लेती है। इस हवा को एक कंप्रेसर (Compressor) द्वारा उच्च दाब पर संपीड़ित किया जाता है। कंप्रेसर का कार्य हवा की गति को घटाकर उसके दाब और तापमान को बढ़ाना है।
दहन
संपीड़ित हवा को दहन कक्ष (Combustion Chamber) में इंजेक्ट किया जाता है, जहां इसमें ईंधन (जैसे प्राकृतिक गैस) मिलाया जाता है। इस मिश्रण को जलाया जाता है, जिससे उच्च तापमान और उच्च ऊर्जा वाली गैसें उत्पन्न होती हैं। इस प्रक्रिया में उत्पन्न ऊष्मा ऊर्जा गैस के तापमान और दाब को और बढ़ा देती है।
विस्तार
गर्म और उच्च दाब वाली गैसें टरबाइन (Turbine) में प्रवेश करती हैं, जहां वे विस्तार करती हैं। गैसों का यह विस्तार टरबाइन के ब्लेड को घुमाने का कारण बनता है, जिसे काइनेटिक ऊर्जा में परिवर्तन कहा जाता है। यह काइनेटिक ऊर्जा ही यांत्रिक ऊर्जा का मुख्य स्रोत है जो बिजली उत्पन्न करने में काम आती है।
बिजली उत्पादन
टरबाइन द्वारा उत्पन्न यांत्रिक ऊर्जा को एक जनरेटर (Generator) की शाफ्ट से जुड़ा जाता है। जब टरबाइन का शाफ्ट घूमता है, तो यह जनरेटर में लगे चुंबकों को घुमाता है, जिससे विद्युत चुंबकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) होती है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरुप जनरेटर में बिजली उत्पन्न होती है।
टरबाइन की दक्षता बढ़ाने के तरीके
- अधिक तापमान पर दहन की प्रक्रिया: ऊंचे तापमान पर दहन से गैसों की ऊर्जा और अधिक होती है, जिससे टरबाइन की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- बहु-चरणीय टरबाइन: गैसों को कई चरणों में विस्तार करने के लिए मल्टी-स्टेज टरबाइन का उपयोग करना, जिससे उच्च दक्षता प्राप्त होती है।
- हीट रिकवरी सिस्टम: दहन के बाद बची हुई ऊष्मा को पुन: उपयोग करने के लिए हीट रिकवरी स्टीम जनरेटर (HRSG) का प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार, गैस टरबाइन द्वारा थर्मल ऊर्जा को यांत्रिक और फिर विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, जिससे हमारे घरों और उद्योगों को बिजली मिलती है।