महासागर तापीय ऊर्जा में ऊष्मा स्थानांतरण के 7 प्रकार: महासागर से ऊर्जा प्राप्त करने की विधियाँ और ऊष्मा के विभिन्न स्थानांतरण प्रक्रियाएँ.

महासागर तापीय ऊर्जा में ऊष्मा स्थानांतरण के 7 प्रकार
महासागर तापीय ऊर्जा रूपांतरण (Ocean Thermal Energy Conversion – OTEC) में ऊष्मा स्थानांतरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइये जानते हैं महासागर तापीय ऊर्जा में ऊष्मा स्थानांतरण के 7 प्रमुख प्रकार:
- चालन (Conduction)
- संवहन (Convection)
- विकिरण (Radiation)
- तात्कालिक संचरण (Instantaneous Transfer)
- वाष्पीकरण (Evaporation)
- संपीड़न (Condensation)
- हस्तांतरण (Advection)
1. चालन (Conduction)
चालन ऊष्मा का वह स्थानांतरण है जो तब होता है जब अणु एक दूसरे के संपर्क में होते हैं। जब ऊष्मा ऊष्मा के उच्च तापमान से निम्न तापमान की ओर प्रवाहित होती है, तो यह सीधे सामग्री के अणुओं के बीच स्थानांतरित होती है। इसका रेप्रेसेंटेशन निम्न प्रकार है:
Q = \(\frac{kA(T2 – T1)}{d}\)
2. संवहन (Convection)
संवहन ऊष्मा का स्थानांतरण है जो तरल या गैस के माध्यम से संचालित होता है। यह प्राकृतिक संवहन (जब तरल या गैस का उत्थान उच्च तापमान से निम्न तापमान की ओर होता है) या जबरदस्त संवहन (जब पंप या पंखों द्वारा तरल या गैस का दबाव बढ़ाकर चलाया जाता है) हो सकता है।
3. विकिरण (Radiation)
विकिरण वह प्रक्रिया है जिसमें ऊष्मा तरंगों के रूप में स्थानांतरित होती है। इसे इन्फ्रारेड रेडिएशन के रूप में भी जाना जाता है। इसमें चालन या संवहन माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है; यह निर्वात में भी घटित हो सकता है।
4. तात्कालिक संचरण (Instantaneous Transfer)
तात्कालिक संचरण वह प्रक्रिया है, जिसमें ऊष्मा का स्थानांतरण तुरंत होता है। इसमें ऊर्जा ऊष्मा स्रोत से बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करके प्रवाहित होती है।
5. वाष्पीकरण (Evaporation)
वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें ऊष्मा ऊपरी सतह पर तरल को गैस में बदल देती है। यह महासागर के सतह से वाष्पीकरण के दौरान प्रमुख रूप से होता है।
6. संपीड़न (Condensation)
संपीड़न वाष्पीकरण का विपरीत है, जहां गैस वापस तरल में बदल जाती है। यह समुद्र के तापीय ऊर्जा संयंत्रों में ऊष्मा को पुन: प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7. हस्तांतरण (Advection)
हस्तांतरण ऊष्मा का क्षैतिज रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा है। महासागर धाराओं के माध्यम से भी ऊष्मा स्थानांतरित होती है, जो ऊष्मीय ऊर्जा के उपयोग में सहायक होती है।
ऊष्मा के ये सभी स्थानांतरण प्रकार महासागर तापीय ऊर्जा रूपांतरण में अति महत्वपूर्ण हैं और इनकी समझ OTEC परियोजनाओं को प्रभावी बनाती है।