वायुगतिकी के 7 प्रकार के प्रवाह पैटर्न पर लेख: वायुगतिकीय प्रवाह प्रकार, जैसे कि स्थिर, अस्थिर, चक्रवातीय, और अन्य के बारे में जानें।

वायुगतिकी के 7 प्रकार के प्रवाह पैटर्न
वायुगतिकी में, प्रवाह पैटर्न को अध्ययन करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें अनेकों वस्त्रों, विमानों और वाहनों के डिजाइन और कार्यक्षमता को समझने में मदद मिलती है। निम्नलिखित वायुगतिकी के 7 प्रमुख प्रकार के प्रवाह पैटर्न हैं:
- laminar प्रवाह (लमिनार फ्लो): इस प्रकार के प्रवाह में, तरल या गैस की परतें एक समानांतर ढंग से बहती हैं। यह प्रवाह सुचारू और स्थिर होता है और इसमें थोड़ी ऊर्जा क्षति होती है।
- turbulent प्रवाह (टर्बुलेंट फ्लो): इस प्रकार के प्रवाह में, तरल या गैस अनिश्चित और अनियमित गति से बहती है। इसमें गति और दिशा की अत्यधिक अस्थिरता होती है, जिससे ऊर्जा क्षति अधिक होती है।
- transitional प्रवाह (ट्रांजिशनल फ्लो): यह प्रवाह पैटर्न लमिनार और टर्बुलेंट प्रवाह के बीच का होता है। इसमें चर प्रवाह की क्रमभंग होती है और इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है।
- steady प्रवाह (स्थिर प्रवाह): इस प्रकार के प्रवाह में गति समय के साथ नहीं बदलती है। इसमें सभी प्वाइंट्स पर प्रवाह की विशेषताएं सामान रहेंगी।
- unsteady प्रवाह (अस्थिर प्रवाह): इस प्रकार के प्रवाह में गति और दिशा समय के साथ बदलती रहती है। इसमें समय के अनुक्रम के साथ बदलती हुयी तरल की विशेषताएं होती हैं।
- compressible प्रवाह (संपीडनीय प्रवाह): संपीडनीय प्रवाह उन तरल पदार्थों का प्रवाह होता है जिसमें तरल की घनत्व परिवर्तनशील होती है। यह उच्च माच संख्या पर महत्वपूर्ण है, जैसे कि सुपरसोनिक जेट विमानों में।
- incompressible प्रवाह (असंपीडनीय प्रवाह): असंपीडनीय प्रवाह उन तरल पदार्थों का प्रवाह होता है जिसमें तरल की घनत्व अपरिवर्तित रहती है। यह सामान्य परिस्थितियों में तरल पदार्थ और निम्न माच संख्या वाली गैसों पर लागू होता है।
इस प्रकार, वायुगतिकी में प्रवाह पैटर्न का ज्ञान हमें विभिन्न अनुप्रयोगों में सबसे उपयुक्त डिज़ाइन और संचालन परिस्थितियों को चुनने में मदद करता है, जिससे कार्यक्षमता और सुरक्षा में सुधार होता है।